धार्मिक सौहार्द मंच, गुजरात का नशे के विरुद्ध अभियान
धार्मिक सौहार्द मंच प्रेरित व्यासन मुक्ति मंच गुजरात द्वारा शुरू किए गए व्यसन मुक्ति अभियान का लॉन्चिंग कार्यक्रम सरदार मेमोरियल शाहीबाग में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राशिद हुसैन द्वारा कुर्आन की तिलावत और भागवत विद्यापीठ के छात्रों द्वारा श्लोकों के पाठ से की गई। एसआईओ अहमदाबाद के प्रमुख खालिद कुरेशी ने सांप्रदायिक सौहार्द पर एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया। स्वागत प्रवचन में धार्मिक सद्भावना मंच के सह संयोजक शकील अहमद राजपूत ने मंच की स्थापना का उद्देश्य बताया तथा जमाअत इस्लामी हिन्द गुजरात के प्रमुख डाॅ. सलीम पतिवाला साहब ने अपने चाबी रुप संबोधन में देश में पाई जाने वाली नशे की समस्या का चित्रण प्रस्तुत करते हुए अभियान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। फिर व्यसन जागरूकता पर माधव प्रियदास (एसजीवीपी), जय वसावडा (प्रसिद्ध लेखक), संजय रावल (मोटिवेशनल स्पीकर), राजयोग की शिवानी दीदी (ब्रह्माकुमारीज) और प्रोफेसर मो सलीम (उपाध्यक्ष जमाअते इस्लामी हिंद) का वीडियो लॉन्च किया गया। इसके पश्चात विभिन्न धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि जैसे प्रदीप महाराज (आनंद आश्रम), मुफ्ती अब्दुल कय्यूम (जमीअते उलमा हिंद गुजरात), राजूभाई क्रिश्चियन AFSA), मुफ्ती रिजवान (मिल्ली काउंसिल गुजरात), रेवरेंड नागिन चौहान (ईसाई विद्वान), भरत यादव (नशा विरोधी विभाग अहमदाबाद ), आमिल मुस्तफा साहेब (दाउदी बहोरा समाज), सतनाम सिंह (गुरुद्वारा गोबिंदधाम), भीखाभाई अमीन (बौद्ध धर्म) डॉ. खुशबू घडियाली (पारसी प्रिस्ट), अवीव दिवाकर (यहूदी समाज), फादर कोरिचेन, उमाशंकर आचार्य (आर्य समाज) ) ने अपने अनूठे अंदाज में प्रासंगिक विचार प्रस्तुत किये।
शहर के जाने-माने मनोचिकित्सक डाॅ. पार्थ वैष्णव ने उदाहरण देकर विस्तार से बताया कि नशे की लत किस प्रकार समाज के लिए खतरा है। आईआईएम के रिसर्च स्कॉलर डॉ. एजाज शेख ने एक प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि राज्य में नशे की संख्या कैसे बढ़ रही है और कहा कि 2018 के आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात राज्य नशे के मामले में देश में पांचवें स्थान पर है. माता-पिता को पता ही नहीं चलता और बच्चे इन्हेलर से शुरू होकर एमडी तक नहीं पहुंच जाते। मुख्य वक्ताओं में लायंस क्लब अहमदाबाद के गवर्नर सुनील गुगलिया, मोटिवेशनल स्पीकर संजय रावल, नशा मुक्ति कार्यकर ख्याति मकवाणा,आईआईएम के प्रोफेसर अंकुर शरीन ने अपने विचार रखे और लोगों को नशे से दूर रहने की अपील की.
साथ ही गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष और सदविचार के ट्रस्टी शैलेश पटवारी ने भी अभिभावकों को सलाह दी कि वे इस बात पर नजर रखें कि उनके बच्चे किसके साथ बैठते हैं और कहां जाते हैं।
आरेफ़ा परवीन साहेबा (संयोजक परिवार बचाओ समिति, सहायक सचिव, महिला विभाग jih) ने कहा कि नशे की लत से समाज में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. महिलाओं की भी जिम्मेदारी है कि अगर कोई परिवार में नशे की लत का शिकार है तो उसे रोकें। नशे की लत छोटे बच्चों के नन्हे मस्तिष्क पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालती है। मां ही बच्चे की पहली शिक्षिका होती है, इसलिए उन्हें बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कार देने चाहिए। दिल्ली से पहुंचे जमाअत इस्लामी हिंद के सचिव शफी मदनी ने कहा कि हम सिर्फ सप्ताह मनाने से संतुष्ट न हो, बल्कि पूरे गुजरात को नशा मुक्त बनाना हमारा कर्तव्य है. शराब, गांजा, ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थ राज्य के कल्याण में बाधा डालते हैं, इसी तरह पोर्नोग्राफी की लत भी युवाओं को बर्बाद कर रही है। जब तक हम समाज से इन बुराइयों को दूर नहीं करेंगे तब तक राज्य का विकास पूरा नहीं होगा. हम चाहते हैं कि यह अभियान सफल हो और गुजरात का प्रत्येक नागरिक इस अभियान का समर्थन करे। मंच के पेट्रोन एवं राज्य के पूर्व मुख्य सचिव पी.के. लहेरी ने अपने अध्यक्षता में कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए हम सभी को कड़ी मेहनत करनी होगी, क्योंकि गुजरात में बंदरगाह से सबसे अधिक संख्या में नशीली दवाओं के कंटेनर पकड़े जाते हैं और सप्लाई की जाती है। अगर हम 2026 तक इस बदी को रोक सकें तो राज्य की विकास दर 12 फीसदी तक बढ़ सकती है. उन्होंने शैक्षणिक परिसरों एवं जमीनी स्तर पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन धार्मिक सौहार्द मंच के संयोजक इकबाल मिर्जा ने बखूबी किया। विविध समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया.
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